रात पुरानी लगती है बूढ़ी नानी लगती है मैं राजा हूँ सपनों का और वो रानी लगती है जो मेरी साँसों की तरह आनी जानी लगती है याद आती है जब उस की शाम सुहानी लगती है मैं दीवाना लगता हूँ वो दीवानी लगती है दिल जब टूटने लगता है दुनिया फ़ानी लगती है शाइ'री आप की ऐ 'हाफ़िज़' अपनी कहानी लगती है