रेशम ज़ुल्फ़ के तार भी बातें करते हैं उस के तो रुख़्सार भी बातें करते हैं इतना वक़्त मैं देता हूँ उस लड़की को अब तो मेरे यार भी बातें करते हैं सौ अफ़्साने बन जाते हैं दोनों के हम दोनों दो चार भी बातें करते हैं हर इक शे'र नहीं हो सकता अच्छा शे'र शाइ'र कुछ बे-कार भी बातें करते हैं इतने ज़ख़्म दिखाता हूँ मैं आए दिन मुझ को तो ग़म-ख़्वार भी बातें करते हैं