रिश्तों का अपना-पन झूट आशाओं का सावन झूट दिल ही आसूदा जो नहीं फूल भरा हर आँगन झूट उस का मन जब काला है चेहरे का उजला-पन झूट उस का चेहरा चाँद नहीं बोले दिल का दर्पन झूट धरती की अज़्मत जो न हो मिट्टी का सौंधा-पन झूट जिद्दत-ए-नुदरत जान-ए-ग़ज़ल लफ़्ज़ों का तीखा-पन झूट जिस में ख़ुशियाँ जन्म न लें 'मेहदी' वो घर आँगन झूट