रोता हुआ वो बाम मुझे याद है अभी दिल में बिखरती शाम मुझे याद है अभी फिर कैसे हो गया है वही शख़्स इतना ख़ास समझे थे जिस को आम मुझे याद है अभी हम और साथ साथ कभी इस तरह मिलें जैसे ख़याल-ए-ख़ाम मुझे याद है अभी वो गुफ़्तुगू निगाहों निगाहों में याद है सरगोशी में सलाम मुझे याद है अभी कैसे सँभल सँभल के बड़ा देख-भाल कर हम तुम थे हम-कलाम मुझे याद है अभी क्या दिन थे ख़्वाहिशों की बड़ी रेल-पेल थी जज़्बों का इज़िदहाम मुझे याद है अभी पूछा कि मेरे दिल में इक़ामत है कब तलक उस ने कहा मुदाम मुझे याद है अभी पूछा कि ज़िंदगी में मिरा हम-सफ़र है कौन मैं ने कहा ग़ुलाम मुझे याद है अभी अब तक वो ज़ाइक़ा भी मुझे याद है 'यशब' हम ने पिया था जाम मुझे याद है अभी