साँसें ना-हमवार मिरी जान हवा-ए-यार मिरी मेरी नफ़ी को रास्ता कर मंज़िल साफ़ इंकार मिरी मार मुझे और जान बचा ऐ जान-ए-बीमार मिरी पाँव हुए मफ़्लूज मिरे चलने लगी दीवार मिरी मैं ख़ाली मैदान-ए-जंग हाथ उस के तलवार मिरी मैं दरिया के हुस्न में गुम जा कश्ती बेकार मिरी आइंदा 'फ़रहत-एहसास' मय्यत है तय्यार मिरी