सब के चेहरों पे कोई चेहरा है कोई दुश्मन है कोई अपना है मेरी आँखों में ख़्वाब हैं तेरे तेरी आँखों में कौन रहता है मुझ से मुझ को कभी तो मिलने दे मुझ से मेरा भी कोई रिश्ता है सोचता हूँ कि इन गुलाबों में रूप किस का है रंग किस का है आ कि दुनिया को अब बता भी दूँ चाँद इक और मैं ने ढूँडा है जान सी डाल दी बुझे दिल में इश्क़ क्या है बस इक करिश्मा है बज़्म उस के लिए सजाई थी और वही बे-नियाज़ बैठा है