सबा की ख़ाक-नवर्दी सुबू की वीरानी तुम्हारे बाद हुई आरज़ू की वीरानी तिरे बग़ैर मेरे हौसले ज़वाल-पज़ीर तिरे बग़ैर मिरी जुस्तुजू की वीरानी शुमार-ए-उम्र-ए-गुरेज़ाँ हिसाब-ए-ताअत-ओ-ज़ोहद वज़ू की ख़ाना-पुरी थी लहू की वीरानी हर एक दश्त पुराना सराब-ए-जाँ की तरह हर एक शहर नया आबरू की वीरानी तुम्हारे साथ से मेरे सुख़न की शीरीनी तुम्हारे बाद मिरी गुफ़्तुगू की वीरानी तमाम रात सराब-ए-सफ़र का धड़का था तमाम रात थी इक हा-ओ-हू की वीरानी