सद-रश्क-ए-अंजुमन हैं ये तन्हाइयाँ मिरी सूरज मिरा सितारे मिरे कहकशाँ मिरी माना कि क़हक़हे नहीं मेरे नसीब में सरमाया-ए-नशात है आह-ओ-फ़ुग़ाँ मिरी हर तल्ख़ तजरबे ने कहा हँस के मुझ से यूँ आएँगी काम तेरे यही तल्ख़ियाँ मिरी रंग-ए-बहार रंग-ए-ग़ज़ल रंग-ए-ख़ून-ए-दिल डूबी हर एक रंग में है दास्ताँ मिरी झुकता नहीं ये सर किसी सरकश के सामने पाइंदा बाद-ए-रिफ़अत-ए-फ़िक्र-ए-जवाँ मिरी तूफ़ान-ओ-इंक़लाब के अफ़्साने बन गए उल्टा असर दिखा गईं ख़ामोशियाँ मिरी जब 'ताहिरा' मिलेगा न नेमुल-बदल मिरा याद आएँगी ज़माने को तब ख़ूबियाँ मिरी