सकी आज प्याला अनंद का पिला मुंज व याक़ूत अधराँ की मस्ती दिला मुंज महल दिस्ते हैं नूर के अत सफ़ा सूँ सकी ल्या सजन कूँ मना कर बुला मुंज गगन से तबक़ मोतियाँ सूँ भरी हूँ पिया आरती ताईं पियो कूँ हिला मुंज तिरे नेह बिन जीवना मुंज न भावे मसीहा नमन आप दम सूँ जिला मुंज अधर तेरे बिन मुंज न भावें अक़ीक़ाँ बदन तेरे बिन नीं है नेका तला मुंज तिरे हुस्न बिन हौर मुंज नैन में कद न आवे कि है इस सेतीं इब्तिला मुंज नबी सदक़े 'क़ुतबा' अली मेहर सेते बँधा दिल कहीं नीं उनन बिन वला मुंज