सामने इक शदीद मुश्किल है उस के पीछे मज़ीद मुश्किल है घर उजड़ने का डर नहीं होता बे-घरी इक मुफ़ीद मुश्किल है एक मुश्किल में दूसरी मुश्किल गोया मुश्किल कशीद मुश्किल है आज हैरत का सामना है मुझे आज गुफ़्त-ओ-शुनीद मुश्किल है लोग आसानियों में ढूँडते हैं ज़िंदगी की कलीद मुश्किल है तेरे हरबे रिवायती हैं 'अज़ीज़' मेरी मुश्किल जदीद मुश्किल है