साँप सर मार अगर जो जावे मर By Ghazal << सरसों लगा के पाँव तलक दिल... सैर-ए-बहार-ए-हुस्न ही अँख... >> साँप सर मार अगर जो जावे मर न करे ज़ुल्फ़ के तिरी सर बर नाम लैला का दम-ब-दम ले ले मारता है जंगल में मजनूँ बड़ आशिक़ाँ देख तेरी संग-दिली जान देते हैं दम-ब-दम मर मर 'आबरू' जीव डूब जाता है बे-ख़ुदी की जब आवती है लहर Share on: