सरक रही है उस की चिलमन माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह शायद अब वो देगा दर्शन माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह गरज रहा है बादल घन-घन माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह बजती है उस की पायल झन-झन माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह बरस रहा है प्यार का सावन माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह डोल रहा है जिस से तन-मन माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह चलता फिरता है मय-ख़ाना जिस की ये चश्म-ए-मस्ताना उस की सुराही-दार है गर्दन माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह अपने ही हुस्न पे जैसे हो शैदा देख रहा है जल्वा-ए-ज़ेबा सामने रख कर अपने दर्पन माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह मोर का रक़्स उसे नहीं भाता अपनी चाल पे है इतराता नाच न जाने टेढ़ा आँगन माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह ग़ुंचा-ओ-गुल की है ये ज़बाँ पर सब ही फ़िदा उस सर्व-ए-रवाँ पर ज़िक्र है उस का गुलशन गुलशन माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह 'बर्क़ी' है जिस का दीवाना हो के फ़िदा मिस्ल-ए-परवाना मार न डाले उस की चितवन माशा-अल्लाह माशा-अल्लाह