मजमा' मिरे हिसार में सैलानियों का है जंगल हूँ मेरा फ़र्ज़ निगहबानियों का है क़तरे गुरेज़ करने लगे रौशनाई के क़िस्सा किसी के ख़ून की अरज़ानियों का है ख़ुश-रंग पैरहन से बदन तो चमक उठे लेकिन सवाल रूह की ताबानियों का है रोने से और लुत्फ़ वफ़ाओं का बढ़ गया सब ज़ाइक़ा फलों में नए पानियों का है सौ बस्तियाँ उजाड़िए दिल को न तोड़िए ये संग-ए-मोहतरम कई पेशानियों का है महफ़ूज़ रह सकेंगे सफ़ीने कहाँ तलक मौजों में बंद-ओ-बस्त ही तुग़्यानियों का है होती हैं दस्तियाब बड़ी मुश्किलों के बा'द 'शाहिद' हयात नाम जिन आसानियों का है