शख़्स वो क्या कमाल करता है काम हर बे-मिसाल करता है हुस्न सौ बार चुप रहे लेकिन इश्क़ फिर भी सवाल करता है किस को अपना कहें बता मौला कौन किस का ख़याल करता है इश्क़ करना उसे निभा देना दर्द वर्ना बेहाल करता है लोग उस को नवाज़ देते हैं जो दिलों में उजाल करता है कश्मकश रात भर रही 'साग़र' कौन किस को हलाल करता है