टहनियाँ फूलों को तरसेंगी यहाँ तेरे बा'द वादी-ए-झंग से उट्ठेगा धुआँ तेरे बा'द लाडले शीशमों की भाग-भरी शाख़ों से कोंपलें फूटेंगी बन बन के फ़ुग़ाँ तेरे बा'द धुँदली धुँदली नज़र आएँगी सुहानी रातें हिचकियाँ लेगा ''तुरम्मों'' का समाँ तेरे बा'द नाग बन जाएँगी पानी की शराबी लहरें आग फैलाएगा सैलाब-ए-चिन्हाँ तेरे बा'द कौन ''बेले'' में दिल-ए-ज़ार को बहलाएगा कौन देगा मिरी आहों को अमाँ तेरे बा'द ''माहिया'' गाएँगी कूजें लब-ए-दरिया लेकिन इन की संगीत में वो बात कहाँ तेरे बा'द