शेर जब खुलता है खुलते हैं मआनी क्या क्या रास्ते देते हैं इक मिस्रा-ए-सानी क्या क्या ख़त्म होती है समुंदर पे कभी सहरा में रास्ते चुनती है दरिया की रवानी क्या क्या पहले किरदार गुज़रता है नज़र से कोई मोड़ लेती है फिर आँखों में कहानी क्या क्या अश्क आँखों में कसक दिल में नज़र में उम्मीद इश्क़ देता है मोहब्बत में निशानी क्या क्या जान लेता है कभी जान बचा लेता है फ़ितरतें रखता है दरियाओं का पानी क्या क्या उस की आँखों की शरारत कभी होंटों का जमाल सामने आती हैं तस्वीरें पुरानी क्या क्या