सो दुनिया में जीना बसना दिल को मरने मत देना यार किराए-दार को घर पर क़ब्ज़ा करने मत देना जॉब ज़रूरी होती है साहब मजबूरी होती है जॉब के घनचक्कर में पड़ कर ख़्वाब बिखरने मत देना ऐसी लहरें ऐसी बहरें कब क़िस्मत से मिलती हैं अच्छे माँझी अब नय्या को पार उतरने मत देना एक दफ़ा का ज़िक्र है दोनों इक लाहौर में यकजा थे एक दफ़ा का ज़िक्र है उस को कभी मुकरने मत देना माल पे रश काफ़ी होगा बस एक दो कश काफ़ी होगा अब किसी कार को किसी सवार को सर से गुज़रने मत देना मुर्दा नारे लगाने वाले ज़िंदा गोश्त जला सकते हैं इस बे-अंत हुजूम को ख़ुद से ज़ियादा डरने मत देना