सोच में डूबा हुआ हूँ कुछ कहीं पे रह गया ज़िंदगी का फ़ैसला था बस नहीं पे रह गया उन की महफ़िल से उठा लाया हूँ आँखें तो मगर याद अब आया कि मेरा दिल वहीं पे रह गया मैं जो अपने साथ लाया था वो मेरे साथ है नाम ही तुम ने दिया था सो ज़मीं पे रह गया ये है तेरा ये है मेरा बस यही करते रहे और इस में जो कमाया सब यहीं पे रह गया मैं भी आख़िर थक चुका था जोड़ते ही जोड़ते और दिल टूटा हुआ ही दिल-नशीं पे रह गया