सोचते हैं यार के ही सर पे वार दें तुझे ज़िंदगी गुज़ारने को हम गुज़ार दें तुझे हम तो चाहते हैं तुझ को दिल में ही उतार दें दिल तो चाहता है अपना और प्यार दें तुझे क्यूँ बदल गया है तू क्या हुआ है यार जी दिल से अपने आज हम क्यूँ उतार दें तुझे रुक हमारे पास तू दो घड़ी के वास्ते मिल हमारी ज़िंदगी हम सँवार दें तुझे बार बार नाम लें प्यार से यूँ आप का सोचते हैं हम सदा बार बार दें तुझे क्यूँ 'वक़ास' हम तुझे जान जी कहें यहाँ फ़ालतू है प्यार क्या बे-शुमार दें तुझे