सुखाने बाल ही कोठे पे आ गए होते इसी बहाने ज़रा मुँह दिखा गए होते तुम्हें भी वक़्त की रफ़्तार का पता चलता निकल के घर से गली तक तो आ गए होते गला भिगो के कहीं और सदा लगा लेता ज़रा फ़क़ीर को पानी पिला गए होते अरे ये ठीक हुआ होंट सी लिए हम ने वगर्ना लोग तुझे कब का पा गए होते भला हो चाँद का आते ही नूर पहुँचाया सितारे होते तो आँखें चुरा गए होते जवान जिस्मों को ठंडा न कर सके लेकिन हवा के झोंके दिया तो बुझा गए होते