सुस्त न हो जाएँ ज़ंजीरें दानिस्ता भी कुछ तक़्सीरें हासिल सब का एक है लेकिन एक नहीं हैं सब तस्वीरें आँखों देखा ख़्वाब नहीं है ख़्वाब की होती हैं ता'बीरें हम जो चाहें ख़ुद ही लिख दें सादा काग़ज़ हैं तक़दीरें बर्बादी भी रक़्स करेगी छेड़ें तो नग़्मा ज़ंजीरें जीना तो बे-लाग ही अच्छा मरने की सोचो तदबीरें तस्वीरों में सूरत ढूँडो सूरत में देखो तस्वीरें दिल की राहें ढूँडो 'अंजुम' दुनिया क्या महदूद लकीरें