ताज में हो भी सकता है हीरा खो भी सकता है जागे भाग तो मान न कर बख़्त है सो भी सकता है आँख में रहने वाले सुन अश्क डुबो भी सकता है वो क़हहार भी है लेकिन बंदा रो भी सकता है जिस में काटने का दम हो वो ही बो भी सकता है कौन किसी का है 'एजाज़' क्या कोई हो भी सकता है