ताकती झाँकती रही आँखें जाने क्या खोजती रही आँखें होंट आँखों पे रख दिए उस ने और फिर बोलती रही आँखें ख़्वाब आँखों में सो गए लेकिन रात भर जागती रही आँखें आँखों आँखों में क्या कहा उस ने देर तक सोचती रही आँखें उस की गहरी सी झील आँखों में डोलती डूबती रही आँखें जाने क्या देखने की हसरत है जाने क्या देखती रही आँखें झूट पर झूट बोलती ही रही सच मगर बोलती रही आँखें दूर तक देखते रहे उस को देर तक भीगती रही आँखें वो उलझते रहे 'तबस्सुम' से और दुख झेलती रही आँखें