तल्ख़ी-ए-हालात-ए-दौराँ का बयाँ है ज़िंदगी दर्द-ओ-ग़म की इक मुसलसल दास्ताँ है ज़िंदगी अल्लाह अल्लाह ये सफ़र ये राह ये दुश्वारियाँ वक़्त के शानों पे इक बार-ए-गिराँ है ज़िंदगी जिन की हलचल में है तूफ़ानी हवाओं का ख़रोश उन तड़पती आरज़ूओं का जहाँ है ज़िंदगी शिद्दत-ए-एहसास-ए-नाकामी की आतिश-गाह से ख़िर्मन-ए-जज़्बात पर शोला-फ़िशाँ है ज़िंदगी है किसे अब ज़िंदगी के दर्द-ए-पिन्हाँ की ख़बर अपनी बर्बादी की ख़ुद ही राज़-दाँ है ज़िंदगी ये उमीदों का चमन है रश्क-ए-सद हुस्न-ए-चमन इस चमन की इक बहार-ए-जावेदाँ है ज़िंदगी है उसी के नूर से ताबानी-ए-कौन-ओ-मकाँ ज़ुल्मत-ए-बज़्म-ए-जहाँ में ज़ौ-फ़िशाँ है ज़िंदगी उस की मर्ज़ी पर है हर क़ैद ओ रिहाई मुनहसिर ख़ुद क़फ़स है और ख़ुद ही आशियाँ है ज़िंदगी 'नक़्श' दर्द-ए-क़ौम है क़ल्ब ओ जिगर में शोला-ज़न जज़्बा-ए-अहल-ए-वतन की तर्जुमाँ है ज़िंदगी