तमाम शहर ही दुश्मन है क्या किया जाए वफ़ा के नाम से बद-ज़न है क्या किया जाए मुझी से पूछ रहा है ये मेरा हम-साया तुम्हारा घर मिरा आँगन है क्या किया जाए गिरा दिया था मिरे घर को पिछली बारिश ने कि फिर से घात में सावन है क्या किया जाए पढ़ाई जाती है मकतब में अब ग़लत तारीख़ फ़सादी हाथ में बचपन है क्या किया जाए जो बच्चे हो गए क़ाबिल उड़े वो पंछी से कि सूना सूना सा आँगन है क्या किया जाए कि सच कुचल दिया बेवा की हसरतों की तरह कि झूट हाथ में कंगन है क्या किया जाए हवेली दिल की है 'अरमान' सूनी सूनी सी उदास रूह का आँगन है क्या किया जाए