तसव्वुर में सलाम आते रहेंगे मोहब्बत के पयाम आते रहेंगे कमी मुमकिन नहीं है बाम-ओ-दर की नज़र माह-ए-तमाम आते रहेंगे निगाहों से मिलेंगी जब निगाहें तो ख़ुद गर्दिश में जाम आते रहेंगे कशिश उन में अगर होगी ज़रा सी परिंदे ज़ेर-ए-दाम आते रहेंगे शब-ए-फ़ुर्क़त शब-ए-फ़ुर्क़त न होगी तसव्वुर कुछ तो काम आते रहेंगे वक़ार-ए-शेर-ओ-फ़न बढ़ता रहेगा अगर कुछ ख़ुश-कलाम आते रहेंगे 'बजाज' उन को जो रोकेगा ज़माना वो ख़्वाबों में मुदाम आते रहेंगे