तेरा सूरज आएगा छाँव उठा ले जाएगा तुझ से कोई आईना कैसे आँख मिलाएगा मेरे घर का ख़ाली-पन तेरे नाज़ उठाएगा पलकों पे ठहरा आँसू मेरी याद दिलाएगा मेरी मिट्टी साथ में रख फूल नहीं मुरझाएगा हिज्र किसी बच्चे की तरह पीछे पीछे आएगा जाते जाते बोला वो ज़ख़्म अभी भर जाएगा तेरी यादों के पन से ज़ख़्म कुरेदे जाएगा