तेरे आने का इंतिज़ार रहा उम्र भर मौसम-ए-बहार रहा पा-ब-ज़ंजीर ज़ुल्फ़-ए-यार रही दिल असीर-ए-ख़याल-ए-यार रहा साथ अपने ग़मों की धूप रही साथ इक सर्व-ए-साया-दार रहा मैं परेशान-हाल आशुफ़्ता सूरत-ए-रंग-ए-रोज़गार रहा आइना आइना रहा फिर भी लाख दर-पर्दा-ए-गुबार रहा कब हवाएँ तह-ए-कमंद आईं कब निगाहों पे इख़्तियार रहा तुझ से मिलने को बे-क़रार था दिल तुझ से मिल कर भी बे-क़रार रहा