तेरी साँसों का ज़ेर-ओ-बम जानम तोड़ दे सब्र का भरम जानम ये बदन कोई पुर-ख़तर रस्ता फ़ित्ना-सामाँ है ख़म-ब-ख़म जानम ऐसी नाज़ुक कमर कि जुलते हैं बहती नदियों के पेच-ओ-ख़म जानम तुम ने बस मुस्कुरा के देख लिया लड़खड़ाने लगे क़दम जानम इतनी मुद्दत के बा'द मिलती हो हाल पूछोगी कम से कम जानम