तेरी सोहबत में बैठा हूँ गोया जन्नत में बैठा हूँ दीवार-ए-ज़िंदाँ के पीछे जुर्म-ए-मोहब्बत में बैठा हूँ एक आवाज़ पे आ जाऊँगा जैसी हालत में बैठा हूँ आ जाओ दो बातें कर लें क़द्रे फ़ुर्सत में बैठा हूँ बैठा हूँ तस्वीर के आगे और हक़ीक़त में बैठा हूँ एक झलक देखी थी उस की अब तक हैरत में बैठा हूँ देख 'शुऊर' उस बुत के आगे कैसे इबादत में बैठा हूँ