तेरी तरह मलाल मुझे भी नहीं रहा जा अब तिरा ख़याल मुझे भी नहीं रहा तू ने भी मौसमों की पज़ीराई छोड़ दी अब शौक़-ए-माह-ओ-साल मुझे भी नहीं रहा मेरा जवाब क्या था तुझे भी ख़बर नहीं याद अब तिरा सवाल मुझे भी नहीं रहा जिस बात का ख़याल न तू ने कभी किया इस बात का ख़याल मुझे भी नहीं रहा तोड़ा है तू ने जब से मिरे दिल का आइना अंदाज़ा-ए-जमाल मुझे भी नहीं रहा 'बाक़ी' में अपने फ़न से बड़ा पुर-ख़ुलूस हूँ इस वास्ते ज़वाल मुझे भी नहीं रहा