ठुकराओ अब कि प्यार करो मैं नशे में हूँ जो चाहो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ अब भी दिला रहा हूँ यक़ीन-ए-वफ़ा मगर मेरा न ए'तिबार करो मैं नशे में हूँ अब तुम को इख़्तियार है ऐ अहल-ए-कारवाँ जो राह इख़्तियार करो मैं नशे में हूँ गिरने दो तुम मुझे मिरा साग़र संभाल लो इतना तो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ अपनी जिसे नहीं उसे 'शाहिद' की क्या ख़बर तुम उस का इंतिज़ार करो मैं नशे में हूँ