तिरे दरसन की मैं हूँ साईं माती मुजे लावो पिया छाती सूँ छाती पियारे हात धर सम्भालो मुंज कूँ कि तिल तिल दूती तुज माती डराती पिरम प्याला पिलावो मुंज कूँ दम दम कि तूँ है दो जगत में मुंज संगाती न राखूँ तुज नयन में राखूँ दिल में कि तूँ मेरा पियारा जीव का साती पिया के ध्यान सूँ मैं मस्त हूँ मस्त मुंजे बिरहे के बीनाँ की सुनाती अगर यक तिल पड़े अंतर पिया सूँ नयन जल सूँ सपत समदर भराती नबी सदक़े कहे 'क़ुतबा' की प्यारी रिझा दम दम अधर प्याला पिलाती