तो वो नुक्ता है जिसे ध्यान में रक्खा गया है ग़ैर मुमकिन सही इम्कान में रक्खा गया है हैरतें अपनी अभी ख़त्म न होने देना राज़-ए-पोशीदा इक एलान में रक्खा गया है सब शनासा हैं तिरे फिर भी तो तेरा चेहरा गुम-शुदा लोगों की पहचान में रक्खा गया है तय शुदा है यहाँ अंजाम अज़ल से सब का फ़ैसला वक़्त के जुज़दान में रक्खा गया है इस क़दर बोझ कि शल हो गए बाज़ू 'नुसरत' जाने क्या क्या मिरे सामान में रक्खा गया है