तू अगर मेरा तज़्किरा करेगा झूट बोलेगा और क्या करेगा ख़ुद को तू जानता नहीं शायद तू समझता है सब ख़ुदा करेगा ज़ख़्म खा कर भी जो दुआएँ दे कौन उस का मुक़ाबला करेगा क्या उसे याद भी न आऊँगा क्या मुझे याद वो किया करेगा फिर कहाँ मिल सकेगा वो मुझ से जो मुझे आप से जुदा करेगा अपनी झूटी अना की ख़ातिर तो जाने किस किस से राब्ता करेगा दिल ही ऐसा है बा-वफ़ा 'मोमिन' बेवफ़ा से भी जो वफ़ा करेगा