तू भैरवीं में ये मिसरा ज़रा सुना हम को कहीं से लगता नहीं था वो बेवफ़ा हम को तुम्हारे कुछ भी नहीं थे मगर तुम्हारे साथ किसी को देखा तो दिल से बुरा लगा हम को हिसाब कर के जुआरी उसे बता रहे हैं कि तेरे ग़म ने ख़सारा नहीं दिया हम को हम उस के ज़ुल्म पे रोए नहीं मगर फिर भी दिलासे देता रहा रात-भर ख़ुदा हम को