तुम अहल-ए-दिल हो सो दिल में रखा हमारा नाम वगर्ना हम भी हैं क्या और क्या हमारा नाम हर एक शख़्स के सीने में हम धड़कते हैं सभी के होंटों पे है जा-ब-जा हमारा नाम तमाम उम्र कई लफ़्ज़ चाक पर घूमे तब एक अर्से में जा कर बना हमारा नाम तुम्हारे कानों की ढलती हुई गुफाओं में ब-रंग-ए-रौशनी पड़ता हुआ हमारा नाम सदा कुछ और ही आई थी उस की जानिब से हमें लगा था कि उस ने लिया हमारा नाम ख़मोशियों के बदन पर सदाएँ लिखनी थीं अजीब शख़्स था लिखने लगा हमारा नाम फिर उस को सुन के बहुत देर तक सभी रोए कोई कहानी थी आख़िर में था हमारा नाम