तुम भी जश्न-ए-बहार कर देखो ख़ुद को फिर सोगवार कर देखो जाने वाले कभी नहीं आते चाहो तो इंतिज़ार कर देखो हिज्र का वक़्त काटना मुश्किल तुम सितारे शुमार कर देखो तेरी आँखों में मेरी सूरत है नक़ली चेहरा उतार कर देखो हम ने एक उम्र हार मानी है अब के तुम भी तो हार कर देखो दर्द 'शाकिर' बस ऐसे समझोगे हसरतें अपनी मार कर देखो