तुम ने देखा है कभी दिल ये हमारा टूटा देखने आता है हर शाम सितारा टूटा रेग-ए-साहिल पे किसी नाम का आँसू टपका मौज-ए-बेताब से दरिया का किनारा टूटा दिल की इक सम्त बनाया था कोई शीश-महल ग़म की आँधी में मगर सारे का सारा टूटा तेज़ रफ़्तार सफ़र से तो गुरेज़ाँ ही रहे हम किसी याद में गुम थे कि इशारा टूटा हम तो समझे थे मोहब्बत में बड़ी ताक़त है ये भरम भी तो सर-ए-हुस्न हमारा टूटा एक मज़बूत तअ'ल्लुक़ है शिकस्ता 'मंज़र' ख़ुद को बर्बाद किया उस को सँवारा टूटा