तुम्हारे हुस्न के चर्चे बहुत हैं हमारे इश्क़ के क़िस्से बहुत हैं अमाँ जाओ तुम्हें दौलत मुबारक हमारे ख़्वाब भी महँगे बहुत हैं जहाँ पर चाहें हम बुनियाद रख दें हम अपने रो'ब के पक्के बहुत हैं तुम्हारे हाथ में मंज़िल अगर है मेरे भी पाँव में रस्ते बहुत हैं