तुम्हारे लब पे नाम आया हमारा By Ghazal << फ़राहम जिस क़दर इशरत के स... भला हो जिस काम में किसी क... >> तुम्हारे लब पे नाम आया हमारा उसी से नाम भी चमका हमारा घरों से निकले थे पगडंडियों पर सफ़र में मिल गया रस्ता हमारा जो मेरा ग़म मिटा सकता था यारों उसी ने ग़म नहीं समझा हमारा Share on: