उदास दिल को मोहब्बत का आसरा देगी वो मुझ को छू के मिरा हौसला बढ़ा देगी ज़रा सी बात सही उस का देखना लेकिन ज़रा सी बात मिरी नींद ही उड़ा देगी वो दम दरूद की आदी है और मुझे शक है वो अपना प्यार मुझे घोल कर पिला देगी तुम उस की रौशनी तकने में गुम न हो जाना वो एक लौ है तुम्हें आग भी लगा देगी सभी अलार्म घड़ी के फ़ुज़ूल जाएँगे किसी के पाँव की आहट मुझे जगा देगी तू मेरे सामने चुप रहना और दिल की बात तुम्हारे चेहरे की रंगत मुझे बता देगी किसी के प्यार की मेहंदी लगा ले हाथों पर महक न देगी मगर रंग तो चढ़ा देगी मैं जानता हूँ वो सड़यल मिज़ाज है 'तहसीन' मगर वो मेरी ग़ज़ल सुन के मुस्कुरा देगी