ऊँची है बहुत मेरे ख़यालात की दुनिया जैसे किसी फ़नकार के जज़्बात की दुनिया उल्फ़त है किसी में न मुरव्वत है किसी में बस दिल की तशफ़्फ़ी है मुलाक़ात की दुनिया ऐ काश कि इस दिल को जवाब एक भी मिलता बढ़ती चली जाती है सवालात की दुनिया इख़्लास-ओ-मोहब्बत ये जहाँ भूल चुका है देती है इशारा हमें इस बात की दुनिया सच ये है कि ये बात 'नसीम' आप की सच है बे-कैफ़ है हर दिन की हर इक रात की दुनिया