उसे कहना मोहब्बत दिल के ताले तोड़ देती है उसे कहना मोहब्बत दो दिलों को जोड़ देती है उसे कहना मोहब्बत नाम है रूहों के मिलने का उसे कहना मोहब्बत नाम है ज़ख़्मों के सिलने का उसे कहना मोहब्बत तो दिलों में रौशनी भर दे उसे कहना मोहब्बत पत्थरों को मोम सा कर दे उसे कहना मोहब्बत दूर है रस्मों-रिवाजों से उसे कहना मोहब्बत मावरा तख़्तों से ताजों से उसे कहना मोहब्बत फूल कलियाँ और ख़ुश्बू है उसे कहना मोहब्बत चाँद-तारे और जुगनू है उसे कहना मोहब्बत का नहीं नेमुल-बदल कोई उसे कहना मोहब्बत का नहीं है हम-शकल कोई उसे कहना मोहब्बत पर यक़ीं कर लो मिरे हमदम उसे कहना मोहब्बत दिल में तुम भर लो मिरे हमदम