उसी से पूछिए तासीर उस की By Ghazal << हर सम्त क़यामत सी बपा देख... इक मुलाक़ात में असरार नही... >> उसी से पूछिए तासीर उस की जिसे दुश्मन कहे तक़दीर उस की मुसव्विर कैनवस पर रो रहा था बिकी अब तक नहीं तस्वीर उस की अहिंसा का पुजारी बन गया वो हमें चुभती रही शमशीर उस की तो 'अक्षत' इस लिए तुम लड़ रहे थे बचानी थी तुम्हें तस्वीर उस की Share on: