वादी वादी गाने वाला आएगा फिर कब वो मुफ़्लिस-शहज़ादा आएगा क्यों मैं कहूँ तू मेरा दोस्त भी लगता है सब के लबों पर कल ये क़िस्सा आएगा बंजर धरती तारों से मत पानी माँग फिर कोई बादल आवारा आएगा ख़्वाबों में भी हम को ये उम्मीद न थी आँख खुले पर ध्यान न तेरा आएगा आईना आईना इतराने वाला मेरे आगे बिखरा बिखरा आएगा