वाह फुसून-ए-आब-ओ-गिल दहर है इक रंगीं महफ़िल रज़्म-कुनाँ रह-ए-तूफ़ाँ से मिल ही जाएगा साहिल किस की महफ़िल को देखें हम तुम हैं ख़ुराक-ए-महफ़िल जोश-ए-अमल की ख़ामी का नाम जहाँ में है मुश्किल सुर्ख़ न हो क्यूँ अश्क-ए-ग़म ख़ून-ए-जिगर भी है शामिल यूँ न फ़सुर्दा-ख़ातिर रह ग़ुंचा-ओ-गुल की सूरत खिल देख तिलिस्म-ए-फ़िक्र-ए-'निहाल' सेहर-बयाँ शाइ'र से मिल