वस्ल की शब थी और उजाले कर रक्खे थे जिस्म ओ जाँ सब उस के हवाले कर रक्खे थे जैसे ये पहला और आख़िरी मेल हुआ हो हाल तो दोनों ने बेहाले कर रक्खे थे खोज रहे थे रूह को जिस्मों के रस्ते से तौर-तरीक़े पागलों वाले कर रक्खे थे हम से नादानों ने इश्क़ की बरकत ही से कैसे कैसे काम निराले कर रक्खे थे वो भी था कुछ हल्के हल्के से मेक-अप में बाल अपने हम ने भी काले कर रक्खे थे अपने आप ही आया था फिर मरहम बन कर जिस ने हमारे दिल में छाले कर रक्खे थे 'हैदर' अपनी तासीरें ले आए आख़िर हिज्र में हम ने जितने नाले कर रक्खे थे