वो ग़ज़ल की किताब है प्यारे उस को पढ़ना सवाब है प्यारे वो कभी नर्म चाँदनी सी लगे और कभी आफ़्ताब है प्यारे उम्र कच्ची है इश्क़ क्या जाने ख़ामुशी भी जवाब है प्यारे अपने हाथों पिलाए ख़ुश्बू तू सादा पानी शराब है प्यारे उस को पढ़ना तो चूम कर पढ़ना वो ख़ुदा की किताब है प्यारे उस को देखो लिबास मत देखो वो पहाड़ी गुलाब है प्यारे हँस के जीने का तुम हुनर सीखो ज़िंदगी ला-जवाब है प्यारे वो जो आता है शब ढले 'अनज़र' तेरा सच्चा वो ख़्वाब है प्यारे