वो हैं आज बाला-ए-बाम अल्लाह अल्लाह मय-ए-इश्क़ का ले के जाम अल्लाह अल्लाह मुझे कर दिया ख़ुद से बे-ख़ुद उन्होंने निगाहों से दे कर पयाम अल्लाह अल्लाह ये मेरे लिए मुज़्दा-ए-जाँ-फिज़ा है मिलेंगे वो अब सुब्ह-ओ-शाम अल्लाह अल्लाह न होगा तुम्हें तिश्ना-कामी का शिकवा वो दे कर गए ये पयाम अल्लाह अल्लाह रहें अपने वा'दे पे साबित-क़दम वो रहे उन का लुत्फ़-ए-दवाम अल्लाह अल्लाह जो सुनते न थे मेरी अर्ज़-ए-तमन्ना वो लेते हैं अब मेरा नाम अल्लाह अल्लाह मिरे ख़ाना-ए-दिल में हैं जल्वा-फ़रमा जो हैं मिस्ल-ए-माह-ए-तमाम अल्लाह अल्लाह था अब तक गिरफ़्तार ज़ुल्फ़ों में जिन की वो हैं अब मिरे ज़ेर-ए-दाम अल्लाह अल्लाह कहाँ मैं कहाँ उन की 'बर्क़ी'-नवाज़ी वो करते हैं मुझ को सलाम अल्लाह अल्लाह